देश में गणित शिक्षण और शोध की दशा और दिशा

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महेन्द्र पाठक

Abstract

भारतीय सस्कृति दर्शन प्रधान रही है ना कि प्रदर्शन प्रधान। परन्तु आधुनिकता की अंधी दौड़ मे आज प्रदर्शन को ही प्रश्रय दिया जा रहा है। सम्भवतः यही कारण है कि गणित जैसे महत्वपूर्ण और अति उपयोगी विषय को भी आज भारत मे वह सम्मान और स्थान नही दिया जा रहा है जो कि इसको दिया जाना चाहिए। गणित को महत्व देकर हम गणित पर उपकार नही करेंगे वरन अपना व अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सँवारेगे । गणित(दर्शन) के अनुप्रयोगों से जन्मे विषयों(प्रदर्शन) को जो सम्मान हासिल है वह उनके जनक को नही ।

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1.
पाठकम. देश में गणित शिक्षण और शोध की दशा और दिशा. ANSDN [Internet]. 24Jul.2014 [cited 4Aug.2025];2(01):185-7. Available from: https://anushandhan.in/index.php/ANSDHN/article/view/1011
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Review Article