भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के स्वर्ण जयन्ती वर्ष - 203 पर आलेख भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के 50 वर्ष : एक विहंगावलोकन
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वर्ष 203 भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का स्वर्णजयन्ती वर्ष है। आज से 50 वर्ष पहले 24नवम्बर 4963 को भारत ने एक 'छोटा-सा * राकेट छोड़कर अंतरिक्ष में एक बहुत 'बड़ा कदम' रखा था| पिछले पचास वर्षों में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने एक लम्बा फासला तय किया है। चांद तक मिशन पहुंचाने के बाद भारत अब मंगल के लिए अभियान भेजने की तैयारी कर रहा है। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का पचास साल का सफर बड़ा ही रोचक तथा प्रेरणादायी है । इसके पीछे सुविख्यात वैज्ञानिक डॉ0| विक्रम साराभाई की दूरदृष्टि तथा कल्पना की अहम् भूमिका है | उन्हें भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का शिल्पी कहा जाता है। बात सन् 96 की है जब डॉ0 साराभाई ने अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम की एकू विस्तृत योजना भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पं0 ५ प्र ३०5 जवाहर लाल नेहरू को सौंपी थी। नेहरूजी को यह योजना पसंद आयी तथा भारत सरकार द्वारा उसे स्वीकार कर लिया गया। बस वहीं से देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ | सन् 962 में परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत अंतरिक्ष अनुसंधान समिति का गठन किया गया | डॉ0 साराभाई को डइस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
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1.
मिश्रक. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के स्वर्ण जयन्ती वर्ष - 203 पर आलेख भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के 50 वर्ष : एक विहंगावलोकन. ANSDN [Internet]. 24Jul.2013 [cited 4Aug.2025];1(01):142-4. Available from: https://anushandhan.in/index.php/ANSDHN/article/view/1621
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