हल्दी और स्वास्थ्य
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Abstract
प्रकृति में अपार सम्पदाएं विद्यमान हैं। विकास के साथ इन सम्पदाओं के गुणों का आभास हुआ | कुछ सम्पदाओं के गुण इतने महत्वपूर्ण हैं कि उनका उपयोग करना आवश्यक है | कुछ सम्पदाओं का उपयोग दैनिक जीवन में किया जाता है। इनका उपयोग भोजन में करते हैं | हल्दी ऐसी ही सम्पदा है। हल्दी में औषधीय गुण होते हैं। अतः हल्दी की उपयोगिता बहुत है | हल्दी का सेवन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। हल्दी का वनस्पति नाम कुरकुमा लोगाएल है। इसकी बनावट अदरक जैसे होती है। इस कारण अनुवांशिक नाम जिन्जीबेरासियर है। हल्दी पीले रंग की गाँठ होती है। ये जड़े हैं जो पृथ्वी के अन्दर पायी जाती हैं | हल्दी का पौधा तीन फीट लम्बा होता है। इसका फूल भी पीले रंग का होता हे। भारत में हल्दी का उपयोग वैदिक काल से होता आ रहा है | प्रत्येक मांगलिक कार्य में हल्दी का उपयोग होता हे | हल्दी के औषधीय गुणों के कारण ही दैनिक जीवन में उपयोग में लायी जाती है। हल्दी के उत्पादन के लिए गर्म एवं आद्रतापूर्ण वातावरण की आवश्यकता होती है। हल्दी का उत्पादन असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, सिक्किम, आम्र प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु में मुख्य रूप से होता है।
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1.
चतुर्वेदीए0. हल्दी और स्वास्थ्य. ANSDN [Internet]. 24Jul.2013 [cited 4Aug.2025];1(01):223-4. Available from: https://anushandhan.in/index.php/ANSDHN/article/view/1649
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