वातावरणीय क्षरण व जलजीव पालन

Main Article Content

अशोक कूमार
शशि कान्त शुक्ल

Abstract

बप्पा श्रीनारायण वोकेशनल पी0 जी0 कॉलेज, लखनऊ के प्राणि विज्ञान विभाग एवं एप्लाइड एण्ड नेचुरल सांइस फाउण्डेशन, हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान्‌ में “वातावरणीय क्षरण व जलजीव पालन” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 28 अप्रैल 203 को किया गया। इस अवसर पर प्रो भूमित्र देव, पूर्व कुलपति गोरखपुर, रूहेलखण्ड व आगरा विश्वविद्यालय मुख्य अतिथि, प्रो0 ए0 के0 शर्मा0 विभागाध्यक्ष, प्राणि विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय सम्मानित अतिथि, डॉ0 पी0 सी0 महान्ता, पूर्व निदेशक शीतजल मत्स्य संस्थान भीमताल(उत्तराखण्ड) व प्रो0 ए0 के0 चोपड़ा, गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय, हरिद्वार उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री टी0 एन0 मिश्र, अध्यक्ष, बी0 एस0 एन0 वी0 इन्स्टीटयूट नें की। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन व सरस्वती वन्दना से किया गया। डॉ0 सुधीश चन्द्र, विभागाध्यक्ष ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा प्राचार्य डॉ0 जी0 सी0 मिश्र ने अतिथियों व प्रतिभागियों का स्थागत किया | इस अवसर पर एक स्मारिका एवं सारांश पुस्तिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि प्रो0 देव नें कहा, कि लालच की क्रांति पर्यावरण विघटन का मुख्य कारण है | प्रो0 ए0 के0 शर्मा ने बताया कि पर्यावरण विघटन की दिशा व दशा के लिए मानव की दिशाहीनता ही जिम्मेदार है। एप्लाइड एण्ड नेचुरल सांइस फाउण्डेशन, हरिद्वार द्वारा प्रो0 भूमित्र देव को लाइफ टाइम एचीवमेन्‍्ट एवार्ड, प्रो० ए0 के0 शर्मा को फाउण्डेशन गोल्ड मेडल, डॉ0 सुधीश चन्द्र व संजीव शुक्ल को फाउण्डेशन फेलो के एवार्ड से सम्मानित किया गया। पूर्व विभागाध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए भी सम्मानित किया गया।

Article Details

How to Cite
1.
कूमारअ, शुक्लश. वातावरणीय क्षरण व जलजीव पालन. ANSDN [Internet]. 24Jul.2013 [cited 4Aug.2025];1(01):239-40. Available from: https://anushandhan.in/index.php/ANSDHN/article/view/1654
Section
Review Article