बादल फटना
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Abstract
बादल फटना बारिश का एक चरम रूप है। इस घटना में बारिशके साथ कभी-कभी गरज के साथ ओले भी पड़ते हैँ | सामान्यतः: बादल फटने के कारण सिर्फ कुछ मिनट तक मूसलाधार बारिश होती है लेकिन इस दौरान इतना पानी बरसता है कि क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो ५जाती है। बादल फटने की घटना प्राय: पृथ्वी से 45 किलोमीटर की ऊंचाई पर घटती है। इसके कारण होने वाली वर्षा लगभग 400 मिलीमीटर छः प्रति घंटा की दर से होती है| कुछ ही मिनट में 2 सेंटी मीटर से अधिक वर्षा हो जाती है जिस कारण भारी तबाही होती है।
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1.
श्रीवास्तवद. बादल फटना. ANSDN [Internet]. 24Jul.2013 [cited 5Aug.2025];1(01):247. Available from: https://anushandhan.in/index.php/ANSDHN/article/view/1658
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